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Budget 2022

Rajasthan ka krishi budget: किसानों के लिए बहुत कुछ है राजस्थान के कृषि बजट में

Rajasthan ka krishi budget: किसानों के लिए बहुत कुछ है राजस्थान के कृषि बजट में

13 महीनों तक चले किसान आंदोलन ने यह साबित किया कि अब सरकारों को उनकी तरफ ध्यान देना होगा अन्यथा सरकारें चल नहीं पाएंगी। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चल रहे चुनावों के मद्देनजर ही, डैमेज कंट्रोल करने के वास्ते प्रधानमंत्री को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़े। यह वापसी इसलिए हुई क्योंकि देश भर के किसान एकजुट हो गए थे। किसानों की एकता का ही यह परिणाम था कि कानून वापस हुए और अब किसान अपने घरों पर हैं। लेकिन, इसके दूरगामी परिणाम को आपने देखा क्या। इसका दूरगामी परिणाम है, 23 फरवरी को राजस्थान में पेश किया गया कृषि बजट। जी हां, जब से राजस्थान बना है, तब से लेकर अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ था कि बजट के बाद कोई कृषि बजट पेश किया गया हो। वह भी अलग से। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। राजस्थान में जो कृषि बजट पेश किया गया, वह किसानों के आंदोलन की ही परिणिति है, ऐसा मानना गलत नहीं होगा।

क्या है कृषि बजट में

अब बड़ा सवाल यह है कि इस किसान बजट में है क्या।

दरअसल, इस किसान बजट में कई व्यवस्थाएं दी गई हैं। इन व्यवस्थाओं को गौर से देखें तो समझ जाएंगे कि राजस्थान सरकार किसानों को लेकर कितनी चिंतित है। हां, सरकारी खजाने की अपनी एक सीमा होती है। कृषि ही सब कुछ नहीं होती पर कृषि को तवज्जो देकर सरकार ने एक सकारात्मक रुख का प्रदर्शन तो जरूर किया है। आइए समझें कि इस कृषि बजट में है क्या।

1. मुख्यमंत्री कृषक साथी का बजट बढ़ गया

दरअसल, 2021 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उद्योग क्षेत्र में चलाई जाने वाली योजना को कृषि क्षेत्र में, थोड़े परिवर्तन के साथ लागू कर दिया। अर्थात, अगर आप किसान हैं और कृषि कार्य करते हुए आपके साथ कोई हादसा हो गया तो इस योजना के तहत आपको दो से 5 लाख रुपये तक की तात्कालिक सहायता मिलेगी। यह योजना कई क्लाउजेज की व्याख्या करती है। जैसे, यदि आपकी एक अंगुली कट जाए तो सरकार आपको 5000 रुपये देगी। दो कट जाए तो 10000 रुपये, तीन कट जाए तो 15000 रुपये और चार कट जाए तो 20000 रुपये का भुगतान करेगी सरकार। ऐसे ही अगर आपकी पांचों अंगुलियां कट जाती हैं तो सरकार आपको 25000 रुपये देगी। इस योजना के लिए बीते साल के बजट में 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। अब इसका दायरा बढ़ाने की गरज से सरकार ने इस योजना के लिए 5000 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। धनराशि बढ़ाने को किसानों ने बेहद बढ़िया माना है।

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2. मुख्यमंत्री जैविक कृषि मिशन

कृषि बजट में सरकार ने घोषणा की है कि इसी सत्र से मुख्यमंत्री जैविक खेती मिशन शुरू कर दिया जाएगा। इसके तहत सरकार उन किसानों को ज्यादा लाभ देगी, जो शुद्ध रूप से जैविक केती के लिए तैयार होंगे। इस योजना के तहत, सरकार उन्हें आर्थिक पैकेज तो देगी ही, जरूरत पड़ी तो उनकी फसलों को भी खरीद लेगी। इसके लिए पहले 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। अगले बजट में इस धनराशि को बढ़ाया भी जा सकता है।

3. बीज उत्पादन एवं विपणन तंत्र की घोषणा

इस कृषि बजट में सरकार ने एक ऐसा तंत्र विकसित करने की घोषणा की, जिसके तहत सभी किसानों तक सरकारी योजनाएं पहुंच सकें। खास कर बीज और कृषि के अन्य अवयवों को सरकार एक साथ किसानों तक पहुंचाना चाहती है। सरकार का जोर इस बात पर ज्यादा है कि राज्य के कम से कम दो लाख छोटे किसानों तक मूंग, मोठ और उड़द के प्रमाणित बीजों के मिनी किट्स मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएं। इन चीजों के लिए ही बीज उत्पादन एवं विपणन तंत्र की घोषणा की गई है। सरकार एक सिस्टम बनाना चाह रही है जिससे समय पर और सिस्टमेटिक रुप में किसानों तक कृषि संबंधित चीजों की डिलीवरी हो सके। इस किस्म का सिस्टम छत्तीसगढ़ में पहले से चल रहा है।

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4. राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन की घोषणा

इस कृषि बजट में सरकार ने राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन की घोषणा की। इस मिशन के तहत राजस्थान के किसान यह जान सकेंगे कि उनकी जो जमीन है, उसकी उर्वरक क्षमता क्या है। किस किस्म की खेती उन्हें कब और कैसे करनी चाहिए। अभी राजस्थान में सभी किसान परंपरागत खेती कर रहे हैं। इस मिशन के शुरू हो जाने के बाद माना जा रहा है कि खेती कार्य में विविधता आएगी। समय-समय पर जब मिट्टी की जांच होगी तो किसानों को यह एडवाइस भी दिया जाएगा कि इसकी उर्वरकता बढ़ाने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए।

5. दूध पर 5 रुपये प्रति लीटर अनुदान

राजस्थान सरकार ने अपने कृषि बजट में यह व्यवस्था की है कि जो भी किसान अपना दूध सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों को देंगे, उन्हें 5 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से अनुदान भी मिलेगा। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि दूध सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों के माध्यम से राजस्थान भर में बिके। 

6. कर्ज की व्यवस्था

इस कृषि बजट में घोषणा की गई है कि सरकार वर्ष 2022 में किसानों को फसली ऋण भी देगी। यह फसली ऋण 20000 करोड़ की लिमिट के भीतर होगी। ऐसे लाभार्थी किसानों की संख्या इस साल के लिए पांच लाख तय की गई है। इतना ही नहीं, जो लोग कृषि कार्य से प्रत्यक्ष रुप से नहीं जुड़े हैं, उन्हें भी कर्ज दिया जाएगा। इस साल ऐसे परिवारों की संख्या एक लाख तय की गई है। कर्ज कितना मिलेगा, यह तय नहीं है पर मिलेगा जरूर। कुल मिलाकर, यह किसानों के भीतर हौसला बुलंद करने वाला बजट है। इसे अगर अमली जामा पहना दिया जाए तो राजस्थान के किसानों की स्थिति बेहद सुदृढ़ हो सकती है। जिस भाव से बजट पेश किया गया है, वह बेहतर है। उसी भाव से इस पर अमल हो तो किसानों का सच में भला हो जाएगा।

MSP को छोड़ बहुत कुछ है किसानों के लिए इस बजट में

MSP को छोड़ बहुत कुछ है किसानों के लिए इस बजट में

अब गंगा के पांच किलोमीटर इलाके में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा 2025 तक देश के सभी गांवों को आप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा ड्रोन के इस्तेमाल से खेती कराने की पेशकश, किसानों को फायदा होने का दावा कृषि विश्वविद्यालय खोलने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहन टिकैत ने कहा, MSP पर तो कुछ बोला ही नहीं

कृषि विशेषज्ञ मानते हैं, खेती के लिए बेहतरीन बजट

मंगलवार को 2022-23 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों को लेकर कई बातें कीं। वैसे, माना यह जा रहा था कि 13 महीनों तक किसानों के विरोध के बाद सरकार दो कदम आगे बढ़ कर MSP पर कोई फैसला करेगी लेकिन इस पर कुछ हुआ नहीं। माना जा रहा था कि MSP बढ़ाई जाएगी और किसानों का दिल जीतने की कोशिश होगी। इसके पीछे बड़ा कारण यह माना जा रहा था कि पांच राज्यों में चुनाव हैं। सो, वित्त मंत्री किसानों के लिए MSP बढ़ाने की घोषणा करेंगी। लेकिन, ऐसा हो न सका। पूरे
बजट में MSP बढ़ाने को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई। हां, यह जरूर बताया गया कि किसानों को MSP के मद में 2.37 लाख करोड़ रुपये देने का इरादा है।

किसानों के लिए बहुत कुछ है इस बजट में

लेकिन, इसका अर्थ यह भी नहीं हुआ कि किसानों के खाते में इस बार वित्तमंत्री ने कुछ भी नहीं दिया। किसानों की झोली दूसरे तरीकों से भरने की कोशिश की गई है। इसमें बड़ा तथ्य है 2.37 लाख करोड़ रुपये MSP  में खर्च करने की योजना। यह धनराशि सीधे किसानों के खाते में जाएगी, फसल के एवज में।

ड्रोन की मदद से खेती

kisan drones गौर से देखें तो खेती-बाड़ी करने वालों के लिए इस बजट में ऐसी बहुत सारी व्यवस्थाएं हैं जिन पर अमल करके वे काफी आगे बढ़ सकते हैं। जैसे, अब खेती में ड्रोन का इस्तेमाल होगा। वित्त मंत्री की यह मान्यता रही है कि अगर ड्रोन आधारित खेती हुई तो निश्चित तौर पर किसानों का वक्त बचेगा और खेती की जो एक्यूरेसी है, वह बढ़ेगी। मतलब यह हुआ कि अब ड्रोन की मदद से किसान कम समय में ही यह जान सकेंगे कि उनकी फसलों की स्थिति क्या है और यह भी कि फसलों को दवा कब देनी है, कितनी देनी है, उसकी एक्यूरेसी क्या होनी चाहिए, यह सब ड्रोन की मदद से बेहद आसानी के साथ किया जाएगा।

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कृषि विश्वविद्यालय खोलने को राज्यों को प्रोत्साहन

agricultural university इसके साथ ही वित्तमंत्री ने कृषि विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया है। पिछले बजट में भी उन्होंने कहा था कि जब तक किसानी को पढ़ाई से नहीं जोड़ा जाएगा, किसानों को शिक्षित नहीं किया जाएगा, तब तक किसानों की आय बढ़ नहीं सकती। पिछले साल का संकल्प इस साल पूरा करते हुए उन्होंने कई कृषि विश्वविद्यालय खोलने की बातें अपने बजट भाषण में कही हैं। माना जाता है कि जब ये कृषि विश्वविद्यालय खुल जाएंगे तो किसानों को जमीन की उर्वरकता, खेती के तौर-तरीके आदि को आधुनिक रूप में समझने में बेहद मदद मिलेगी। वित्त मंत्री का कृषि विश्वविद्यालयों पर जोर इस बात का भी संकेतक है कि वह किसानों को खेती-बाड़ी की पढ़ाई करती हुई देखना चाहती हैं। यह जरूरी भी है।

आर्गेनिक खेती (Organic Farming) पर जोर

organic farming इस बजट में एक बड़ी बात आर्गेनिक खेती को लेकर भी हुई है। वित्त मंत्री ने कहा है कि अभी पहले चरण में गंगा नदी के पांच किलोमीटर के इलाके में आर्गेनिक खेती की जाएगी। इससे आर्गेनिक खेती को तो बढ़ावा मिलेगा ही, जो पैदावार होगी, वह आम लोगों को भी फायदा पहुंचाएगी। आर्गेनिक खेती में किसी भी किस्म का रसायन इस्तेमाल नहीं होता। इस किस्म की खेती को जीरो बजट खेती भी कहते हैं जिसे कई प्रदेशों के राज्यपाल रहे आचार्य वेदव्रत ने जबरदस्त तरीके से आगे बढ़ाया। माना जा रहा है कि आर्गेनिक खेती का मूल कांसेप्ट उन्हीं का है जिससे प्रधानमंत्री भी सहमत थे। वही चीज आज के बजट में भी प्रभावी तरीके से सामने आई है।

बेतवा परियोजना

Betwa Project इस बजट में अनेक नदियों के किनारे विभिन्न किस्म की परियोजनाओं को भी शुरू करने की बात कही गई है। मध्य प्रदेश के बेतवा परियोजना के लिए 44650 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। मकसद यह है कि देश भर के करीब 10 लाख हेक्टेयर भूमि को खेती योग्य जल उपलब्ध हो। वित्तमंत्री ने किसानों को और राहत देने की पेशकश की है। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा है कि सरकार चाहती है कि किसानों की अधिकांश फसल वह खुद खरीद ले ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि वर्ष 2022-23 तक केंद्र सरकार किसानों से 1000 एमएलटी धान की फसल खरीदे।

एग्रो फारेस्ट्री

agro factory इस बजट में एग्रो फारेस्ट्री को लेकर भी चर्चा हुई। वित्त मंत्री ने कहा कि आने वाला वक्त एग्रो फारेस्ट्री का है। जो भी किसान इस क्षेत्र में आना चाहें, सरकार उनकी मदद करेगी। पैसे देगी। उन्हें अन्य तरीकों से भी सहयोग करेगी। सब्सिडी देने की बात चल रही है।

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हर गांव में 2025 तक आप्टिकल फाइबर का जाल

village Technology कृषि से ही जुड़े ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए भी इस बजट में काफी बातें कही गई हैं। उनमें अहम है, देश भर के सभी गांवों में 2025 तक आप्टिकल फाइबर बिछा देना। वित्त मंत्री ने कहाः यह बेहद उम्दा योजना है। हम चाहते हैं कि देश के जितने भी गांव हैं, उन सभी गांवों में आप्टिकल फाइबर बिछाया जाए ताकि हर गांव इंटरनेट से कनेक्टेड हो। उनका कहना था कि अभी इंटरनेट की कमी के कारण देश के गांवों का एक बड़ा हिस्सा तकनीकी ज्ञान और कृषि संबंधी जानकारियों सहित अनेक फायदों और सुविधाओं से अनभिज्ञ रह जाता है। केंद्र सरकार चाहती है कि कृष् और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में काम हो और तेजी से हो। हमें पूरा विश्वास है कि देश के सभी गांव 2025 तक इंटरनेट की सुविधा से युक्त हो जाएंगे। एक बार जब वह इंटरनेट की सुविधा से जुड़ जाएंगे तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था का कायाकल्प होने में बहुत वक्त नहीं लगेगा।

केसीसी पर कोई चर्चा नहीं

वैसे, इस बजट से किसान यह उम्मीद लगा रहे थे कि केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) की क्रेडिट क्षमता बढ़ा दी जाएगी लेकिन फिलहाल इस पर बजट में कोई चर्चा नहीं हुई। इससे किसानों में थोड़ी मायूसी देखी गई।

प्रतिक्रियाएं

सरकार जब तक MSP  गारंटी कानून नहीं बताती, किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। इस बजट में MSP  गारंटी कानून की कोई बात ही नहीं कही गई। -राकेश टिकैत, किसान नेता यह बजट भविष्य का बजट है। यह एग्रीकल्चर सेक्टर को पूरी तरह बदल कर रख देगा। इस बजट की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसमें कृषि क्षेत्र में पढ़ाई को लेकर गंभीरता दिखाई गई है। यह अच्छी बात है। आप जब पढ़-लिख कर खेती करेंगे तो निश्चित तौर पर आप बढ़िया से खेती करेंगे, बढ़िया आमदनी होगी आपकी। आप सोचिए कि सरकार 2025 तक किसानों को हर गांव में आप्टिकल फाइबर तकनीक देने जा रही है। इसका सीधा असर किसानों, उन्के बच्चों या यूं कहें कि पूरे परिवार, पूरे इलाके में होगा। यह किसानों के लिए अब तक का बेहतरीन बजट है। -प्रोफेसर सीएन बी शर्मा, कृषि अर्थशास्त्री
उत्‍तर प्रदेश बजट 2.0 में यू.पी. के किसानों को क्या मिला ?

उत्‍तर प्रदेश बजट 2.0 में यू.पी. के किसानों को क्या मिला ?

उत्‍तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2022 का बजट पेश किया है। जिसमे यू. पी. के वयस्कों, महिलाओं, गरीब किसानों, बेरोजगारों आदि सभी को लगभग काफ़ी कुछ मिला है। तो आइए हम जानते है कि इस बजट के माध्यम से वहां के किसानों को क्या फ़ायदा मिला ?

उत्‍तर प्रदेश बजट 2.0 के माध्यम से किसानों को फ़ायदा :

- सिंचाई के लिए मुफ़्त बिजली, पी.एम. कुसुम योजना, सोलर पैनल्स, लघु सिंचाई परियोजना

बजट में किसानों को सिंचाई के लिए मुफ़्त बिजली का प्रावधान है। इसके लिए किसानों को पी.एम. कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को मुफ़्त सोलर पैनल्स उपलब्ध कराए जाएंगे। सिंचाई की अवशेष परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के साथ एक हज़ार करोड़ रुपए की लागत से लघु सिंचाई परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का विशेष प्रावधान भी इस बजट में है।

- भामाशाह भावस्थिरता कोश की स्थापना के लिए फंड

किसानों के लिए भामाशाह भावस्थिरता कोश की स्थापना के लिए फंड की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री जी ने पहले से ही धान, गेहूं, और अन्य फसलों के लिए एम.एस.पी. कला उपलब्ध कराई थी लेकिन आलू, टमाटर, प्याज, आदि फसलों में इस प्रकार की व्यवस्था नहीं थी जो कि इस बजट में कराई गई है।

- जैविक खेती

प्रदेश में अभी भी काफ़ी किसान जैविक खेती से जुड़े हुए हैं, जिनके लिए मुख्यमंत्री जी ने टेस्टिंग लैब के व्यवस्था की है। और अगले 5 वर्षों में संपूर्ण बुंदेलखंड खंड को जैविक खेती से जोड़ने का प्रावधान भी इस बजट में पेश किया गया है।

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- बीजों का वितरण

वर्ष 2021-2022 में 60.10 लाख क्विंटल बीजों का वितरण किया गया था और वर्ष 2022-2023 में इसकी मात्रा बढ़ाकर 60.20 लाख क्विंटल बीजों का वितरण किया जाएगा।

- नलकूप तथा लघु नहर

प्रदेश में 30,307 राजकीय नलकूपों तथा 252 लघु नहरों के माध्यम से मुफ़्त सिंचाई सुविधा की व्यवस्था की गई है।

- लघु सिंचाई परियोजना

मुख्यमंत्री लघु सिंचाई परियोजना के लिए एक हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

- उर्वरक का वितरण

वर्ष 2021-2022 में कृषकों के लिए 98.80 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया गया था तथा वर्ष 2022-2023 में 119.30 लाख मीट्रिक टन उर्वरक के वितरण का लक्ष्य रखा गया है।

- सोलर पंपों की स्थापना

कृषकों को सिंचाई के लिए डीजल विद्युत के स्थान पर ऊर्जा प्रबंधन के तहत ऊर्जा संरक्षण के लिए कृषकों के लिए सोलर पंपों की स्थापना की जाएगी।

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विपक्ष की ओर से बयान :

इस बजट पर विपक्ष की ओर से मायावती ने अपना बयान देते हुए कहा है कि, इस बजट से मुख्यमंत्री जी आम जनता की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। उन्होनें आगे ट्वीट कर के कहा है कि "यूपी सरकार का बजट प्रथम दृष्टया वही घिसापिटा व अविश्वनीय तथा जनहित एवं जनकल्याण में भी खासकर प्रदेश में छाई हुई गरीबी, बेरोजगारी व गड्ढायुक्त बदहाल स्थिति के मामले में अंधे कुएं जैसा है, जिससे यहाँ के लोगों के दरिद्र जीवन से मुक्ति की संभावना लगातार क्षीण होती जा रही है।" उन्होंने आगे कहा है कि किसानों के लिए जो बड़े बड़े वादे किए गए थे, तथा जो बुनियादी कार्य प्राथमिकता के आधार पर करने थे वे कहां किए गए। 

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी ने इतने बजट पेश किए है जिसमे केवल नंबर बढ़ाए गए है, इससे किसानों को कोई फायदा नही मिला है। बेरोजगारी और गरीबी अपनी चरम सीमा पर है। बजट के बारे में जो कुछ भी मुख्यमंत्री जी ने कहा है, उससे आम जनता और किसानों को कोई फायदा नही है। साथ ही वे कहते हैं उनके इन कामों से जनता का कोई फायदा नहीं होगा। वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी ने बजट प्रस्तुत करने के बाद अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि यह बजट 2022-2023 का है, जिससे यूपी की 25 करोड़ जनता का फायदा होगा और साथ ही यह बजट उत्तर प्रदेश के गरीब किसानों और नौजवानों की इच्छाओं को ध्यान में रख कर बनाया गया है। इसके अलावा उन्होनें कहा है कि यह बजट प्रदेश के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।

पंजाब सरकार के इस साल के बजट में किसानों के लिए क्या है? 

पंजाब सरकार के इस साल के बजट में किसानों के लिए क्या है? 

पंजाब में 27 जून को पेश यानी आज के दिन पेश हुआ बजट, जिसमे शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य में फोकस किया गया है.

हरपाल सिंह चीमा जो की पंजाब के वित्त मंत्री है उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को लेकर बजट पेश किया. उन्होंने एक जुलाई से मुफ्त बिजली देने का वादा किया और साथ ही अपने मंत्री विजय सिंगला के खिलाफ मान की कार्रवाई का जिक्र किया. 11,000 करोड़ रुपए भगवंत मान सरकार ने कृषि के लिए आवंटित किए है. जिसमे से पराली जलाने की समस्या के लिए 200 करोड़ रुपए आवंटित किए है.

ये भी पढ़ें: पंजाब सरकार बनाएगी पराली से खाद—गैस राज्य में मेडिकल कॉलेज बहुत कम है जिसकी वजह से सरकार ने 16 मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का वादा किया है. जिसकी वजह से राज्य में कुल 25 मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि वन विधायक वन पेंशन से 19 करोड़ हर साल और पेपरलेस बजट से 21 लाख रुपए बचेंगे. वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि बजट का एक एक पैसा लोगो पर खर्च होगा. हरपाल चीमा का कहना है कि यह बजट आम जनता की सलाह से बनाया गया है. इस बजट के लिए 20384 सुझाव लोगो ने दिए जिसमे से लगभग 5503 राज्य की महिलाओं ने भी सलाह दी थी. इस बार बजट में कोई नया टैक्स नहीं जोड़ा गया है. 450 करोड़ का प्रावधान सीधी बिजाई के लिए किया है. पिछली बार सरकार ने टैक्स की चोरी को लेकर कोई इंतजाम नही किया था, परंतु इस बार सरकार ने टैक्स की चोरी को रोकने के लिए पहली बार यूनिट बनाने जा रही है. शिक्षा के क्षेत्र में इस बार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. स्कूली व उच्च शिक्षा में 16, तकनीकी शिक्षा में 47 और मेडिकल शिक्षा में 57 फीसदी तक का इजाफा किया गया है। भगवंत मान सरकार ने 2022 - 23 में 55 हजार 860 करोड़ के बजट खर्चे का अनुमान रखा है.